बिहार प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण परिवेश में रहने वाली रमा कल्याणी नाम की एक महिला की औपचारिक शिक्षा यद्यपि नहीं के बराबर थी , परन्तु विलक्षण प्रतिभा संपन्न यह महिला अपने परिवार के अतिरिक्त उन समस्त परिवारों के कल्याण से सम्बंधित विषयों में यथा संभव सहायता करती रहती थी, जो भी उनके संपर्क में आता था. यथा नाम तथा गुण को शब्दशः चरितार्थ करने वाली कल्याणी एक सुघड़ और बुद्धिमान व्यक्तित्व की धनी होने के साथ साथ गरीबो और परिचितों को उचित मार्गदर्शन और परामर्श देकर उनके हितों की रक्षा करती थी, इसी कारण पूरे गाँव और समाज में इस विदुषी और सहृदय महिला का बहुत सम्मान था, दया, सद्भावना और त्याग उनका विशिष्ठ गुण था। इसीलिए उनके मार्गदर्शन और परामर्श के परिणामस्वरूप अनेक अनपढ़ परिवारों से होनहार विद्वान् नागरिक और कुशल अधिकारी या सामाजिक कार्यकर्त्ता निकले जिन्होंने देश और समाज की सराहनीय सेवा की उनके अपने पाँचों पुत्रों को उन्होंने अनेक प्रकार के अभावो और कठिनाइयों के बावजूद इंजिनियर, प्रोफेसर और कोल फील्ड में वरिष्ठ पदाधिकारी बनने के योग्य तैयार किया, उनके दो पौत्र भारत सरकार में वरिष्ठ अधिकारी हैं। और पौत्र वधु अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. श्रीमती स्व. रमा कल्याणी के व्यक्तित्व से उनकी यह पौत्र वधु इतनी प्रभावित हैं कि कल्याणी जी के स्वभाव जनित छोटे परन्तु प्रभावी लोक कल्याण के कार्यों को वृहत रूप देने का उन्होंने संकल्प ले लिया। उन्होंने ऐसा महसूस किया कि रमा कल्याणी के आदर्शों और कल्याण की भावना के साथ सेवा कार्य करने से हम समाज को उस ऋण के कुछ भाग को लौटा सकेंगे जो हमें समाज ने दिया है। और यह कि स्व. रमा कल्याणी जैसी पूजनीय महिला के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी, इस प्रकार इस न्यास का जन्म हुआ और दिनांक 11/12/2019 को निबंधक दिल्ली के कार्यालय में इसका पंजीयन करा लिया गया। रमा जी इस सफलता का श्रेय समाज को ही देती थी, उनका कहना था कि समाज के सहयोग से ही उच्च पद प्राप्त होता है, अतः उनका फ़र्ज़ है कि वे समाज की सेवा के रूप में इस क़र्ज़ को लोटायेँ, इसी भाव के साथ उनके यादगार के रूप में उनके नाम से बनया गया यह ट्रस्ट समाज सेवा में अति उत्साह और ऊर्जा के साथ संलग्न है, प्रसन्नता की बात है कि संस्था को जनता से भी बहुत प्रोत्साहन मिल रहा है ।

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